Movie :-upkaar
Song:- mere desh ke dharti
Singer :-mahendra kapoor
मेरे देश की धरती, सोना उगले, उगले हीरे मोती
बैलों के गले में जब घुंघरू
बैलों के गले में जब घुंघरू
जीवन का राग सुनाते हैं
गम कोसों दूर हो जाता है
खुशियों के कँवल मुसकाते है
सुन के रहट की आवाजें
गम कोसों दूर हो जाता है
खुशियों के कँवल मुसकाते है
सुन के रहट की आवाजें
यूं लगे कहीं शहनाई बजे
आते ही मस्त बहारों के
दुल्हन की तरह हर खेत सजे
मेरे देश की धरती...
आते ही मस्त बहारों के
दुल्हन की तरह हर खेत सजे
मेरे देश की धरती...
जब चलते हैं इस धरती पे हल
ममता अंगडाइयाँ लेती है
क्यों ना पूजे इस माटी को
जो जीवन का सुख देती है
इस धरती पे जिसने जनम लिया
उसने ही पाया प्यार तेरा
यहाँ अपना पराया कोइ नहीं
है सब पे माँ, उपकार तेरा
मेरे देश की धरती...
ये बाग़ है गौतम नानक का, खिलते हैं अमन के फूल यहाँ
गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक, ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ
रंग हरा हरी सिंह नलवे से, रंग लाल है लाल बहादूर से
रंग बना बसन्ती भगत सिंह, रंग अमन का वीर जवाहर से
मेरे देश की धरती...
ममता अंगडाइयाँ लेती है
क्यों ना पूजे इस माटी को
जो जीवन का सुख देती है
इस धरती पे जिसने जनम लिया
उसने ही पाया प्यार तेरा
यहाँ अपना पराया कोइ नहीं
है सब पे माँ, उपकार तेरा
मेरे देश की धरती...
ये बाग़ है गौतम नानक का, खिलते हैं अमन के फूल यहाँ
गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक, ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ
रंग हरा हरी सिंह नलवे से, रंग लाल है लाल बहादूर से
रंग बना बसन्ती भगत सिंह, रंग अमन का वीर जवाहर से
मेरे देश की धरती...
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